महाराणा प्रताप

 महाराणा प्रताप :– महाराणा प्रताप का वो सच जो आपसे सभी से छुपाया गया ?

जय श्री राम मित्रों :–मित्रों आप सभी ने महाराणा प्रताप जी का नाम तो कहीं ना कहीं सुना तो जरूर होगा लेकिन आपने कहीं हो सकता है की पढ़ा न हो क्योंकि हमारे syllabus में महाराणा प्रताप ही नहीं बल्कि कई ऐसे राजा महाराजा हैं जिनका इतिहास में कोई नाम निशान भी नही आया। लेकिन महाराणा प्रताप ऐसे राजा हुए जिनकी छबि हमसे  छुपाने से भी नही छुपी तो चलिए जानते हैं की कौन थे महाराणा प्रताप जिनसे पूरा हिंदुस्तान डरता था या यूं कहे की जो कोई भी हिंदुस्तान की तरफ आंख भी उठाता या हिंदुस्तान पर राज करने का सपना देखता तो वह 100 पर सोचता था।। 


कौन थे महाराणा प्रताप  (Who was Maharana pratap) :–  

                                           महाराणा प्रताप एक ऐसे शक्तिशाली ,निडर  राजा थे जिनका जन्म एक ऐसे समय में हुआ था जिस समय पूरे भारत पर मुगलों का कब्जा था सिर्फ मेवाड़ ही एकमात्र ऐसा राज्य था जिस पर मुगलों ने कब्जा ना कर पाए थे । महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 kumbalghar में इनका जन्म हुआ । इनके पिता का नाम  महाराणा उदय सिंह था ,और इनकी माता जी नाम जयवंती बाई था। माता जयवंती बाई इनकी न सिर्फ मां थी बल्कि इनकी पहली गुरु भी थी बचपन से ही ये अस्त्र– शस्त्र में निपुण थे । इनके परिवार में कई क्षत्रिय थे जैसे बप्पा रावल, राणा हमीर,राणा सांगा लेकिन महाराणा सिर्फ और सिर्फ राणा प्रताप को ही कहा जाता है।  राणा उदय सिंह जी की और भी कई पत्नियां थीं और वे सभी पत्नियां यहीं चाहती थी की उनके पुत्र ही महाराजा बने । लेकिन जैसा कहा जाता है की जरूरी नहीं की राजा का बेटा राजा बने राजा वही बनना चाहिए जो राजा बनने का हकदार हो । राजा बनने के पूरे हकदार तो सही मायने में महाराणा प्रताप ही थे क्योंकि उनके अंदर वो सभी प्रतिभाएं थी जो एक राजा एक अंदर होनी चाहिए । आपको बता दें की महाराणा प्रताप की लंबाई 7.5  फुट थी । 70 किलो का उनका कवच था।  10 –10 किलो के जूते  , 10 किलो की तलवार  और 80 किलो का भाला था।  महाराणा प्रताप महिलाओं की बहुत इज्जत करते थे ।एक बार उनके एक सैनिक ने एक मुगल के पत्नी और उसकी बेटी को उठा लाया था ताकि वो मुगल को ब्लैकमेल कर सके लेकिन महाराणा प्रताप को जब यह बात पता चली तो उन्होंने us सैनिक को बहुत फटकार लगाई और कहा की यह लड़ाई सिर्फ दो लोगों के बीच है यह लड़ाई एक जंग है और जंग मैदान में लड़ा जाता तुमने इन सबको यहां लाकर बहुत गलत किया है। फिर महाराणा प्रताप un महिलाओं से स्वयं ही माफी मांगते है और उन सब को उनको पूरी इज्जत के साथ वापस उनके महल छोड़ने को कहते हैं।


महाराणा प्रताप और अकबर के बीच विवाद (controversy between Akbar and Maharana Pratap)::–

मित्रों अगर आपने जरा सा भी भारत का इतिहास पढ़ा होगा तो कहीं न कहीं आपने महाराणा और अकबर के बीच हुए युद्धों के बारे में भी जरूर पढ़ा होगा । तो दोस्तों क्या आपने कभी जानने की कोशिश की कि आखिर क्यों अकबर और महाराणा प्रताप के बीच हमेशा एक विवाद छिड़ा रहता है यदि नहीं तो आप आगे पढ़िए सब समझ में आ जायेगा । तो दोस्तों बात कुछ ऐसी है की आकार जो था वो पूरे भारत पर अपना आधिपत्य जमा लिया था सिर्फ मेवाड़ को छोड़े । आपको लग रहा होगा की अकबर क्या बेवकूफ था क्या की सिर्फ एक छोटे से राज्य के लिए वह लोगों से वो भी राणा प्रताप से दुश्मनी ले रहा था ।देखिए दोस्तों मेवाड़ उस समय अकबर के लिए उसका import का एक बहुत बड़ा जरिया था उसका सारा माल़  दिल्ली जाने के लिए बीच में मेवाड़ पड़ता था और इधर राणा प्रताप मॉल जाने नही देते थे तो यह बात अकबर को चुभने लगी की अब मेवाड़ को भी जीतेंगे । लेकिन वह जानता था की मेवार में सभी राजपूत एक हैं वो कभी भी हमें जीतने नही देंगे ।इसके लिए अकबर ने दिमाग लगाया की सभी राजपूतों को आपस में ही लड़ा देते हैं तो सारा मेवाड़ हमारे कब्जे में होगा । देखिए दोस्तों अकबर की सोचने की क्षमता बहुत ज्यादा थी । कहा जाता है की अकबर की सेना में दम था और राणा के सीने में दम था । जब अकबर ने सभी राजपूतों को आपस में ही लड़ा दिया तो सभी राजपूत आपस में ही लड़ने लगे । और विवेक दूसरे के दुश्मन हो गए  यही अकबर चाहता भी था क्योंकि अकबर जानता था की "जब जब घर टूटेगा पड़ोसी आकर लूटेगा”। अकबर ने धीरे धीरे सभी राजपूतों को अपने अधीन कर लिया लेकिन सिर्फ महाराणा प्रताप ही ऐसे राजा थे जिनका कोई बाल भी बांका न कर पाया।इसीलिए अकबर बहुत चिंतित रहता था की मेवाड़ को बिना राणा को जीते पा लेना मुश्किल है ।

अकबर और महाराणा के बीच छोटे युद्ध (some small war between Akbar and Maharana Pratap):–

जब अकबर यह समझ गया की बिना राणा प्रताप को हराए मेवाड़ पर विजय पाना असंभव है तो उसने टोडरमल से संदेसा भिजवाया की जाओ राणा प्रताप से कह दो की यदि वह मेवाड़ को हमें दे देगा तो हम इसके बदले उसको आधा हिंदुस्तान उसके नाम कर देंगे । लेकिन राणा प्रताप तो राणा प्रताप ही है वो किसी के आगे न कभी झुके थे न  ही कभी झुकने को तैयार ही थे।  यह सब बात सुनकर अकबर और भी ज्यादा गुस्सा होने लगा तो उसने कई बार राणा प्रताप पर हमला भी किया लेकिन उसके एक भी सैनिक कभी भी राणा प्रताप का बाल भी बांका न कर पाए ।हर बार उसके सैनिक निराश होकर लौट जाते थे क्योंकि राणा प्रताप बचपन से ही शस्त्र और शास्त्र की शिक्षा ले चुके थे । राणा प्रताप जी गोरिल्ला युद्ध में बड़े ही निपुण थे । राणा प्रताप को द्वीकांतक युद्ध और छापामार युद्ध अस्त था वे इन सभी युद्धाभ्यास में बहुत निपुण थे ।

राणा प्रताप बहुत ही बलशाली योद्धा थे वे एक ऐसे योद्धा थे जो कभी भी हार मानने को तैयार नहीं होते थे चाहे उनके सामने मौत ही क्यों न खड़ी हो वे किसी से नही डरते थे ।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भारतेंदु हरिश्चंद्र: जानिए भारतेंदु हरिश्चंद्र जी की संघर्ष भरी कहानी।

Explained: Why Consumption Of Mustard Oil Is Banned In The US And Europe