राम मंदिर : राम मंदिर एक विवादित इतिहास।

 Ram mandir : A controversial history:–

जय श्री राम मित्रों – मित्रों जहां आज पूरा भारत राम में हुआ है। सभी लोगों की जुबान पर जय श्री राम का नाम है आज भारत में रामलाल की स्थापना हो चुकी है राम दल आज 492 साल बाद अपने नित्य धाम जन्मभूमि वापस आ चुके हैं आज पूरे भारत में हर्षोल्लास का दिन है। दोस्तों जहां आज हम आप इस विशेष उत्सव का आनंद उठा पा रहे हैं वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने राम मंदिर के लिए अपनी बलिदानी दे दी लेकिन उन्हें आज राम जी के दर्शन पाने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ तो चलिए दोस्तों जानते हैं राम मंदिर के इतिहास के बारे में आखिर वह कौन लोग थे जिन्होंने भगवान राम के लिए अपनी बलिदानी दी।


राम मंदिर का इतिहास (history of Ram mandir):–

दोस्तों जैसा कि हम लोग जानते हैं की प्रभु श्री राम जी का त्रेता युग में ही जन्म हुआ था। प्रभु श्री राम जी ने अपने अच्छे कर्मों और कर्तव्य पथ का अनुसरण करते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम बने। दोस्तों श्री राम जी ने अयोध्या पर 11000 वर्षों तक शासन किया प्रोग्राम जब उनके जीवन अवधि खत्म हुई और वह सर को चले गए उसके बाद उनके पुत्र लव और कुश ने राजगद्दी संभाली। लव और कुश दोनों भाइयों ने मिलकर अपने पिताजी की एक मंदिर बनवा जिसमें सभी अयोध्यावासी पूजा करने आते थे समय बीतता गया बीतता गया और बीतता गया.... मंदिर वैसी की वैसी थी लेकिन जब भारत में मुगल काल आया जब मुगलों ने भारत पर अपना शासन किया तब मुगलों ने अपनी हीन भावना और इरशाद की वजह से मंदिरों को तोड़ा। इस समय मुगलों का एक शासक जिसका नाम बाबर था उसने राम जी की मंदिर को 1528 में तुड़वा दिया और वहां एक मस्जिद का निर्माण कराया,चूंकि उसका नाम बाबर था इसलिए उसने उसे मंदिर का नाम भी बाबरी मस्जिद रखा। दोस्तों ऐसा बताया जाता है की मंदिर तोड़ने के बाद उस जगह पर मस्जिद नहीं बन रहा था क्योंकि ऐसा बताया जा रहा है कि भगवान राम जी के प्रिय भक्त एवं साथ चिरंजीवों में से एक हनुमान जी उसे मस्जिद को बार-बार गिरा देते थे लेकिन बाद में जब महान ऋषि मुनियों द्वारा उसे मस्जिद को  बनाने का उपाय बताया गया तो उसके बाद उसे मस्जिद को हनुमान जी ने नहीं गिराया उसके बाद कुछ समय बिता और बाबरी मस्जिद बनकर तैयार हो गई। दोस्तों अब उसे समय में माहौल ही ऐसा था कि कोई भी हिंदू अपनी आवाज नहीं उठा सकता था क्योंकि पूरे भारतवर्ष में मुगलों का ही शासन था समय बीतता गया बीतता गया और बीतता गया.... जब मुगलों के साम्राज्य का भारत से पतन हुआ और अंग्रेज आए तो कुछ समय बाद लोगों ने धीरे-धीरे आवाज उठाना शुरू किया आवाज सिर्फ दो धर्म के लोग ही उठते थे। हिंदू पक्ष का कहना था कि जहां आज बाबरी मस्जिद बनी है वहां पहले हमारे प्रभु श्री राम जी का मंदिर था वही मुस्लिम पक्ष का कहना था कि इस जगह पर पहले भी  मस्जिद ही था और आज भी मस्जिद ही है। यह मामला धीरे-धीरे बहुत गहरा होता गया अंग्रेजी सरकार समझ नहीं पा रही थी कि यहां क्या किया जाए। समय बिता और अंग्रेजी सरकार भी हिंदू भाइयों को कोई न्याय नहीं दिला पाई अब लोग आजादी की मांग में सभी लोग व्यस्त हो गए धीरे-धीरे अथक प्रयासों और बलिदानों के द्वारा हमें 1947 में आजादी मिली। अब भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी थे जब लोगों ने फिर से और तेज आवाज उठाई उसे समय देश में कई जगह दंगे भी हुए थे सैकड़ो लोग मारे गए और घायल भी हुए मामला फिर भी ना उलझा तो सरकार द्वारा उसे मस्जिद में ताला लगा दिया गया। मतलब अब कोई वहां आ – जा नहीं सकता था , लेकिन सिर्फ मस्जिद में ही ताला लगाने से सभी हिंदू भाइयों को न्याय नहीं मिलने वाला था। इसलिए कुछ समय बाद जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव थे तब लोगों ने बड़ी संख्या में रैली निकाली और अयोध्या पहुंचे वहां कुछ लोगों ने मस्जिद के गुंबद पर चढ़कर मस्जिद का गुंबद तोड़ दिया यह बात मुस्लिम समाज को रास ना आई उन्होंने फिर हिंदुओं पर हमला बोल दिया जब देंगे को पुलिस काबू न कर पाई तो उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने सभी कर सेवकों पर गोली चलवा दी हजारों की संख्या में कर सेवक मारे गए और लाखों की संख्या में घायल भी हुए। इस दंगे के बाद सभी हिंदू भाई बहुत आहत हुए । एक बार फिर से उस case पर ताला लगा दिया गया । बात फिर से कुछ समय के लिए वहीं से दब गई ।लेकिन हिंदू भाइयों के मन से वो बात निकल नही रही थी । कुछ समय बाद जब चुनाव का समय आया तो BJP party ने राम मंदिर का मुद्दा फिर से उखाड़ा तब सभी हिंदू भाइयों का ध्यान सिर्फ बीजेपी पार्टी पर गया। लेकिन इस बार बीजेपी पार्टी शासन में न आ पाई तो मामला फिर से वही दफन हो गया । लोगों को लगा की अब मंदिर को वापस पाना संभव नहीं है।लेकिन जब 2014 में लोकसभा चुनाव में में बीजेपी पार्टी ने एक बार फिर से राम मंदिर का मुद्दा उजागर किया फिर से लोगों का ध्यान सिर्फ बीजेपी पर गया लोगों को लगा की अब यही पार्टी है जो हमें न्याय दिला सकती है और सभी हिंदू भाई बीजेपी पर अपना विश्वास छोड़कर अपना वोट BJP को ही दे दिया ।इस बार बीजेपी भारी बहुमत से अपनी सरकार बनाई । सरकार बनते ही बीजेपी ने अपने कहे गए वादे को पूरा किया और राम मंदिर के लिए लड़ना शुरू किया । कुछ समय बाद supreme court ने एक संस्था नियुक्त की जिसका नाम ASI यानी की architect survey of India था। इस संस्था को यह काम दिया गया की पता लगाया जाए की इस जगह पर पहले क्या था मन्दिर या फिर मस्जिद । कुछ समय बाद 2019 में जब ASI की रिपोर्ट आई तो पता चला की पहले इस जगह पर राम जी का भव्य मंदिर था । उस मंदिर को तोड़ कर ही बाबरी मस्जिद बनाया गया है। उसके बाद जब सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर बनाने की इजाजद दी तो उस समय सभी हिंदू भाई बहुत खुश थे फिर 2019 से मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ और आज 2024 में पूर्ण हुआ । आज 23 january 2024 को प्राण प्रतिष्ठा है आज हमारे प्रभु श्री राम जी अपने घर वापस लौट आए हैं। दोस्तों  कहते हैं ना की सच परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं हो सकता है। देर से ही सही लेकिन सनातन धर्म की जीत हुई ,सभी हिंदू भाइयों की जीत हुई।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

महाराणा प्रताप

भारतेंदु हरिश्चंद्र: जानिए भारतेंदु हरिश्चंद्र जी की संघर्ष भरी कहानी।

Explained: Why Consumption Of Mustard Oil Is Banned In The US And Europe